Indore Bureau - indoreexpress.com 14-Jul-2020 10:00 am
इंदौर. किल कोरोना अभियान के तहत डेंगू और मलेरिया के मरीजों की भी पहचान की जा रही है। रैपिड किट से मलेरिया की जांच मौके पर ही की जा रही है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जब मैदानी अमले को एक पॉजिटिव मरीज के घर मलेरिया की जांच के लिए भेज दिया। घर के अन्य सदस्य पॉजिटिव आए तो हड़कंप मचा और स्टाफ के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए।
भोलाराम उस्ताद मार्ग की एक मल्टी में एक मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसी के संपर्क में आने वाले कई अन्य सदस्य और परिवार के सदस्यों को भी बुखार और अन्य समस्या थी। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मलेरिया की जांच के लिए वहां भेजा गया। परिजन ने सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या बताई तो स्टाफ वापस लौट गया। तीन दिन बाद उसी घर के कुछ सदस्य पॉजिटिव आ गए। इसके बाद चारों स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी सैंपल लिए गए। नियमानुसार सैंपल देने के बाद स्टाफ को क्वारेंटाइन करना था, लेकिन वे फील्ड में काम कर रहे हैं।