Deepak Sungra - indoreexpress.com 02-Aug-2018 05:26 am
इंदौर (सुरेश कपोनिया)।
जिले में पिछले कई दिनों से बारिश नहीं हो रही है और आगे भी संभावना नहीं है। ऐसे में फसलों को नुकसान होना अब शुरू हो जाएगा। पूरे जिले में 2 लाख 46 हजार हेक्टेयर में अलग-अलग फसलें बोई जाती हैं। 8-10 दिनों में बारिश नहीं होती है तो फसलें मुरझाने लगेंगी और किसानों को लाखों का नुकसान होगा। बंगाल की खाड़ी में पूरे अगस्त माह में सिस्टम नहीं बन रहा है। इसके चलते अगस्त में मामूली वर्षा की संभावना भी बन रही है। जिससे फसलों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। मौसम विभाग ने भी जिले में बारिश के संकेत नहीं दिए है। किसानों ने पिछले दिनों रिमझिम बारिश के बाद अपनी फसलें बो दी और मानसून के भरोसे अब है। इंतजार कर रहे है कि बारिश होगी और फसलें सींची जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अगस्त माह में बारिश के लिए नया सिस्टम बनता नहीं दिख रहा है। मौसम विभाग ने भी माना है कि पिछले कई दिनों से रुकी हुई बारिश अभी नहीं होगी। इससे सबसे ज्यादा नुकसान फसलों को ही होगा। कृषि विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि अगले 8-10 दिनों में यदि बारिश नहीं होती है तो फसलें सूखने लगेंगी। लगभग 2 लाख 46 हजार हेक्टेयर में देखना बोई गई है। देपालपुर, महू, सांवेर और इंदौर ग्रामीण इलाकों में सोयाबीन, मक्का, तुअर, उड़द और मूंग की फसल किसानों ने बोई है।
1 लाख 29 हजार किसानों ने बोई है फसलें
इस माह यदि बारिश नहीं होती है तो फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो सकती है। पूरे जिले में 1 लाख 29 हजार किसान है और उनका परिवार फसलों पर ही निर्भर है अर्थात फसलों से जो पैसा मिलता है उसी से घर, परिवार चलता है और यदि फसलें ही नहीं हुई तो किसान बर्बाद हो जाएंगे। अब तक किसानों को चिंता नहीं थी, लेकिन 8-10 दिनों में चिंता बढ़ती जाएगी। जिले में अब तक लगभग 14 इंच बारिश हुई है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार बारिश की बेहतर संभावना समाप्त हो गई है। इसके चलते कई जिलों में अब सूखे की स्थिति निर्मित होने लगेगी। यदि अगस्त में खाड़ी में नया मानसून नहीं उठा तो इससे भारी नुकसान होगा।
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