Deepak Sungra - indoreexpress.com 20-Oct-2018 03:25 am
इंदौर (सुरेश कपोनिया)।
अपनी नदी, अपनी मां शिप्रा को बचाने सेमल्या चाऊ ने इस बार लाठी उठा ली। शिप्रा के बेटे सुबह से नदी के बाहर मोर्चा संभालकर बैठ गए।प्रतिमा विसर्जित करने आए लोगों को किनारों पर रोक कर प्रतिमाएं वहीं रखवा ली। लोग यहीं तक नहीं रुके। पूरे दिन नदी सफाई अभियान चलाया। गणेशोत्सव के दौरान विसर्जित प्रतिमाओं के अवशेष बाहर निकाले। निर्माल्य हटाए और गाद निकाली। लोगों को चिंता इस बात की है कि इस बार कम बारिश होने से वैसे ही नदी में कम पानी है। वह भी गंदी हो गई तो बाकी के दिन पानी का इंतजाम दूभर हो जाएगा।
ग्राम सेमल्याचाऊ में दशहरे पर लोगों ने अनूठा अभियान चलाया। नर्मदा-शिप्रा संगम पर नदी को बचाने के लिए गांव वाले डंडा लेकर खड़े हो गए। यहां नदी में माता की प्रतिमाएं विसर्जित करने पहुंचे लोगों को रोक दिया और प्रतिमाओं को किनारों पर ही रखवा लिया। किसी ने हुज्जत करने की कोशिश की तो उसे डंडा दिखाकर समझा दिया, हालांकि ज्यादातर आसानी से मान गए। अब इन प्रतिमाओं को गांव वाले ही दूसरी जगह ले जाकर विसर्जित करेंगे। इस बार हुई कम बारिश ने नदी का जलस्तर काफी कम कर दिया है, पानी भी काफी गंदा भी हो गया है। ग्रामीण पुलकित चौहान ने बताया, गणेश विसर्जन के दौरान लोगों ने ग्रामीणों के विरोध के बाद भी यहां प्रतिमाएं विसर्जित कर दी थीं। हालांकि उस समय नदी में काफी पानी था। अब पानी घटने के साथ भगवान गणेश की तब विसर्जित कई प्रतिमाएं बाहर नजर आने लगी हैं। इस कारण अब देवी प्रतिमाएं यहां विसर्जित की जातीं तो वे डूबती भी नहीं। इस कारण ग्रामीणों ने तय किया कि वे नदी में प्रतिमा विसर्जित नहीं होने देंगे। इसे रोकने के लिए चौहान के साथ शिवम सोनी, प्रदीप जाट, रमेश पटेल, शुभम पटेल आदि ने सुबह से ही घाट डंडा लेकर पर मोर्चा संभाल लिया। जब भी लोग प्रतिमाएं लेकर आए तो उन्हें विसर्जित नहीं करने दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इन प्रतिमाओं को नदी के बजाए किसी गड्ढे के पानी में विसर्जित कर देंगे, ताकि नदी स्वच्छ रहे। नदी में जमा गंदगी को साफ करने का अभियान भी ग्रामीणों ने शुरू किया।