Deepak Sungra - indoreexpress.com 07-Aug-2018 05:52 am
इंदौर (सुरेश कपोनिया)।
बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन को लेकर मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र सरकार के बीच लंबी बैठक के बाद प्रोजेक्ट संबंधी सारी शर्तों पर सहमति जता दी गई। इसके बाद प्रोजेक्टर की सारी अड़चने दूर होकर निर्माण कार्य के लिए रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। इस परियोजना को अंजाम देने 22 सालों से न्यायालयीन प्रक्रिया व आंदोलन की रुपरेखा भी बनाई गई। सरकारों से राशि मिलने के बाद भी प्रोजेक्ट पर पेंच फंसते जा रहे थे।
अब जाकर सारी बाधाओं से निजात मिल सकी है। इंदौर-मनमाड़ रेलवे संघर्ष समिति प्रमुख मनोज मराठे ने बताया कि दोनों सरकारों ने रेलवे एवं पोर्ट कारपोरेशन लिमिटेड के तहत कुछ शर्तों को मंजूर कर लिया है। जिसमें भू-अधिग्रहण का काम दोनों सरकार करके देगी। इसको लेकर महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व में सहमति दे दी है। इसी तारतम्य में पिछले दिनों भोपाल में इन परिजनों को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव परिवहन के साथ लंबी चर्चा और मीटिंग हुई थी,जिसके तहत मुख्य सचिव और उच्च अधिकारियों के बीच इस परियोजनाओं को लेकर सहमति बनी है।
साढ़े सात हजार करोड़ का काम होगा
काफी जद्दोजहद व आंदोलन के बाद अब जाकर उसके परिणाम जमीन स्तर पर देखने को मिल रहे हैं। इसमें साढ़े सात हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर बनी सहमति से मध्यप्रदेश को बंदरगाह से जोडऩे वाले इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के जमीन पर उतरने की तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों ने बताया कि आगामी दिनों में इस पर तेजी से काम होने लगेगा।
कई नए स्टेशन बनेंगे- इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के शुरू होने से लोगों को नए रेलवे स्टेशनों की सौगात मिलने लगेगी। वर्तमान में इस मार्ग पर कुछ गांव, शहर ऐसे हैं, जहां रेल लाइन तक नहीं है, वे इससे जुड़ जाएंगे। नए स्टेशन जुडऩे से रोजगार के साधन भी उपलब्ध रहेंगे। वहीं, कुछ छोटे स्टेशन खत्म हो जाएंगे।