Deepak Sungra - indoreexpress.com 28-Sep-2016 05:45 am
सुरेश कपोनिया, इंदौर। प्रशासन द्वारा पिछले दिनों क्योरवेल अस्पताल पर कार्रवाई की गई थी। मामला यह था कि यहां कम्प्रेशर फट गया था और करीब 12 लोग घायल हो गए थे। हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई थी। अस्पताल बंद करने के बाद प्रशासन के खिलाफ निजी अस्पताल संचालक खड़े हो गए और आज 200 से अधिक अस्पताल और क्लीनिक बंद रहे। निजी अस्पताल एसोसिएशन ने मांग की है कि क्योरवेल अस्पताल खोला जाए। लोग इलाज के लिए निजी अस्पतालों पर ही भरोसा करते हैं। सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं के चलते मरीज नहीं जाते हैं।
एसोसिएशन के आव्हान पर आज शहर के निजी अस्पताल और क्लीनिक नहीं खुले। अर्थात यहां किसी भी मरीज का इलाज नहीं किया गया। पिछले दिनों कलेक्टर पी. नरहरि ने क्योरवेल अस्पताल को लापरवाही के चलते बंद करने का आदेश दिए थे। अस्पताल में एक कम्प्रेशर फट गया था जिसमें एक दर्जन लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद प्रशासन ने सख्ती करते हुए उक्त कार्रवाई की। इस कार्रवाई के विरोध में ही आज निजी अस्पताल संचालक एकजुट हुए और अस्पताल बंद रखे।
सरकारी अस्पताल में पहले ही अव्यवस्थाएं-निजी अस्पताल बंद रहने से लोगों को इलाज में परेशानी आई। लोगों का कहना है कि निजी अस्पतालों में इलाज ठीक से होता है, भले पैसे लग जाए, लेकिन सरकारी अस्पतालों में असुविधा रहती है। सरकार इन अस्पतालों के सुधार में कोई ध्यान नहीं देती है। आज के बंद से सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई। वैसे भी दूरदराज से आने वाले गरीब तबके के लोग सरकारी अस्पतालों में ही इलाज कराने को मजबूर होते हैं।