तमिलनाडु में 21 अक्टूबर को भारी बारिश चेतावनी: मुख्यमंत्री स्टालिन ने जारी की रेड‑ऑरेंज‑येलो अलर्ट अक्तू॰ 21, 2025

जब इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने 21 अक्टूबर, 2025 को तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश चेतावनी जारी की, तो मuthuvel Karunanidhi Stalin, मुख्यमंत्री of तमिलनाडु सरकार ने तुरंत उपायों का आदेश दिया। यह चेतावनी दक्षिण‑पूर्वी हिंद महासागर में बन रहे लो‑प्रेशर एरिया के कारण थी, जो लगभग 20 सेमी से अधिक बारिश का अनुमान लगा रहा था। इसके साथ ही चेन्नई में 95% संभावना के साथ बौछारें होने की भविष्यवाणी थी, तापमान 25.3 °C के आसपास रहेगा।

सुव्यवस्थित चेतावनी और प्रभावित जिले

IMD ने 2025‑10‑21 हैवी रेन अलर्टतमिलनाडु के तहत तीन स्तर की चेतावनियां जारी कीं।

  • रेड अलर्ट: 8 जिलों में 24 घंटे में 20 सेमी से अधिक बारिश की संभावना – विलुप्पुरम, कड्डालोर, मायिलाडुत्राय, नागपट्टिनम, थीरुवरूर, थंजावुर, पुदुकोट्टई, और रामनाथपुरम। ये जिले समुद्रतट के साथ स्थित हैं और 2005 के मोनसून में भारी बाढ़ का सामना कर चुके हैं।
  • ऑरेंज अलर्ट: 10 जिलों में 11‑20 सेमी बारिश – चेन्नई, चेंगलपट्टु, थिरुवल्लुर, कांचिपुरम, कल्लाकुरिची, परंबलूर, अरियलुर, थुटीकोडि, तिरुनेलवी, और कन्याकुमारी।
  • येलो अलर्ट: 7 जिलों में 7‑11 सेमी मध्यम वर्षा – टेन्कासी, विरुंधनगर, मदुरै, शिवांग, त्रिची, थिरुवनानमलै, और रानीपेट।

पुडुचेरी यूनियन टेरिटरी के करैकाल क्षेत्र को भी रेड अलर्ट में शामिल किया गया, जिससे पूरी दक्षिण‑पूर्वी तटवर्ती बेल्ट में सतर्कता बढ़ गई।

मौसम विज्ञान की पृष्ठभूमि

नॉर्थईस्ट मोनसून, जो अक्टूबर से दिसंबर तक बहु‑प्रमुख है, तमिलनाडु के वार्षिक वर्षा का लगभग 48% प्रदान करता है। इस साल लो‑प्रेशर एरिया 20 अक्टूबर को दक्षिण‑पूर्वी बंगाल की खाड़ी में बन गया और धीरे‑धीरे तट की ओर बढ़ता गया, जिससे नमी की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। IMD के मॉडल के अनुसार, यह प्रणाली 24 अक्टूबर तक सक्रिय रहेगी, लेकिन सबसे तीव्र बारिश 21‑22 अक्टूबर को होगी।

ऐसी प्रणाली का इतिहास बताता है कि 2005, 2015 और 2019 के मोनसून में समान पैटर्न से गंभीर बाढ़ हुई थी; विशेषकर नागपट्टिनम और कड्डालोर ने तब 150 mm से अधिक वर्षा दर्ज की थी, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए।

राज्य सरकार की त्वरित कार्रवाई

स्टालिन ने 21 अक्टूबर को शाम 5:31 बजे एक स्थिति समीक्षा ब्रीफ़िंग आयोजित की। इस दौरान उन्होंने 12 जिलों – थिरुवल्लुर, कांचिपुरम, चेंगलपट्टु, विलुप्पुरम, कड्डालोर, मायिलाडुत्राय, नागपट्टिनम, थीरुवरूर, थंजावुर, कल्लाकुरिची, अरियलुर, और परंबलूर – के लिए विशेष आईएएस मॉनिटरिंग ऑफिसर नियुक्त किए। वे इन अधिकारियों को "तुरंत जिला पहुंचें और सभी रोकथाम उपायों की समीक्षा करें" के आदेश दिए।

चेन्नई में 15 ज़ोन के लिए भी आईएएस अधिकारी जिम्मेदार किए गए, जिससे प्रत्येक ज़ोन में आपातकालीन अभिकरण, स्वास्थ्य सेवाएं और जल निकासी टीम तुरंत सक्रिय हो सकें। सरकार ने साथ ही नदियों, नालों और निचले इलाकों में जल निकासी को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पंप और बाड़े लगाने का निर्देश दिया।

नागरिकों को सलाह दी गई कि वे बाढ़‑प्रवण क्षेत्रों से दूर रहें, आवश्यक दस्तावेज़ और दवाइयाँ तैयार रखें और तेज़ बाढ़ के समय स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

प्रभाव और संभावित नुकसान

प्रभाव और संभावित नुकसान

रेड अलर्ट वाले जिलों में 21‑22 अक्टूबर तक कुल 21‑24 सेमी वर्षा अनुमानित है, जिसका अर्थ है कि बाढ़‑खतरे के साथ-साथ सड़कों, पुलों और विद्यालयों में जल स्तर तेज़ी से बढ़ेगा। कृषि क्षेत्र में धान की फसल पहले ही पक रही है, इसलिए अतिरिक्त पानी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। स्थानीय अर्थव्यवस्था में रोज़गार वाले मछुआरे और छोटे व्यवसायियों को भी भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

बाधित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ने की संभावना है, विशेषकर सर्दी‑जुकाम, जलजनित रोग और श्वसन समस्याएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस तरह की बाढ़ स्थितियों में जलजनित रोगों के बढ़ते जोखिम की चेतावनी दी थी, इसलिए जल शुद्धिकरण टैंक और इमरजेंसी अस्पतालों को तुरंत तैयार किया जाना ज़रूरी है।

आगे की संभावनाएँ और तैयारी

IMD ने कहा है कि 24 अक्टूबर तक भी परेशानी जारी रह सकती है, इसलिए लगातार मौसम अपडेट सुनते रहना जरूरी है। सरकार ने मोबाइल ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से रीयल‑टाइम चेतावनियां जारी करने का वादा किया है। साथ ही, आगामी महीनों में जलभंडारण के बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे कि पिंडली जलाशय को पूर्ण रूप से भरना, इस मोनसून के पानी को भविष्य की खेती में उपयोग करने की रणनीति का हिस्सा है।

समग्र रूप से, इस वर्ष की नॉर्थईस्ट मोनसून ने तमिलनाडु को जलसंकट और बाढ़ दोनों की दोहरी चुनौती दी है। सरकार, विज्ञान संस्थान और नागरिकों के सामूहिक सहयोग से ही इस जोखिम को कम किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

रेड अलर्ट वाले जिलों में बाढ़ से सबसे अधिक कौन प्रभावित हो सकता है?

बाजार क्षेत्रों में छोटे व्यापारियों, किचन गार्डन वाले किसान और नदियों के किनारे बस्तियों में रहने वाले परिवार सबसे अधिक जोखिम में हैं, क्योंकि जल स्तर तेज़ी से बढ़कर उनकी जीवन-यापन की सुविधाओं को बाधित कर सकता है।

क्या चेन्नई में सार्वजनिक परिवहन पर कोई असर पड़ेगा?

चेतावनी के दौरान कई बस और मेट्रो लाइनें अस्थायी रूप से बंद की जा सकती हैं। शहर के प्रशासन ने यात्रियों को वैकल्पिक रूट और टेंपर्ड शटल सेवाओं की जानकारी दी है।

मॉनसून के दौरान जल संचयन के क्या फ़ायदे हैं?

भारी बरसात से जुटे पानी को तालाब, जलाशय और नालों में संग्रह कर भविष्य की सूखा‑संकट से निपटा जा सकता है। यह पानी सिंचाई, पीने और जल‑विद्युत उत्पादन में उपयोगी रहता है।

IMD ने आगामी दिनों में क्या भविष्यवाणी की है?

IMD ने बताया है कि 23‑24 अक्टूबर तक हल्की‑मध्यवर्ती बारिश की संभावना है, लेकिन मुख्य तीव्रता 21‑22 अक्टूबर को ही रहेगी। यानी, सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है।

आवश्यक आपातकालीन तैयारी क्या होनी चाहिए?

सरकारी निकायों द्वारा जारी विस्तृत चेक‑लिस्ट में प्राथमिक आवश्यक वस्तुएँ, चमकती लैंप, बिजली बैक‑अप, और नजदीकी आश्रयस्थलों की जानकारी शामिल है। यह सब एक साइड में रखना चाहिए।

विवेक शर्मा

विवेक शर्मा

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूं जो भारत की दैनिक खबरों पर लेखन करता हूं। मेरा अभ्यास है जानकारीपूर्ण और विचारशील लेख प्रस्तुत करना। समाचारों के विभिन्न पहलुओं की गहन अध्ययन में मेरी रूचि है। मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सूचित सामग्री प्रदान करना पसंद करता हूं। मेरा उद्देश्य है समाज को महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराना।

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