फर्जी तरीके से बनना चाहते थे डॉक्टर, पहुंचे सलाखों के पीछे
Deepak Sungra - indoreexpress.com 26-Dec-2015 09:02 pm
इंदौर। व्यापमं मामले में इंदौर जिला कोर्ट ने दो आरोपियों को सजा सुनाई है। दोनों को 3-3 साल सश्रम कारावास और 2-2 हजार रुपए के अर्थदंड लगाया गया है। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश डीके मित्तल ने सुनाई आरोपियों के सभी साक्ष्य को ध्यान में रखकर यह फैसला सुनाया है।
लोकअभियोजन पीएल मालवीय के अनुसार वर्ष 2013 की वेटेनरी की प्रवेश परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा नूतन कॉलेज में कराई गई थी। परीक्षा के दौरान एक छात्र के प्रवेश पत्र में फोटो संदिग्ध पाई गई इस पर ड्यूटी टीचर ने एक्शन लिया था। छात्र से उसका नाम पूछा गया तो पहले उसने प्रकाश वारिया बताया था। पड़ताल के बाद यह सामने आया था कि अक्षत सिंह पिता झम्मन सिंह भीलवाड़ा का निवासी है, प्रकाश वारिया निवासी पेटलावद झाबुआ की जगह पर परीक्षा दे रहा था।
मामले में चालान पेश किया गया था इसके पहले ही अक्षत सिंह के भाई ने उसके असली आईडी जमा करवाए थे। इससे साबित हो गया था कि एग्जाम देने वाला छात्र स्कोरर था जो कि प्रकाश की जगह परीक्षा में शामिल हुआ था। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश डीके मित्तल ने 420 के तहत 3-3 साल की सश्रम कारावास और 2-2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।