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इंदौर

आरटीओ का हेड कांस्टेबल निकला करोड़ों का मालिक

Deepak Sungra - indoreexpress.com 23-Jan-2016 08:16 am

मध्य प्रदेश की लोकायुक्त टीम ने सोमवार सुबह जबलपुर में पदस्थ आरटीओ के हेड कांस्टेबल अरुण कुमार सिंह बघेल के इंदौर व रीवा के ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई की। अरुण कुमार मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले थे और लोकायुक्त ने छापा मार दिया। हेड कांस्टेबल का वेतन 20 से 25 हजार रुपए महीना है, लेकिन जब्त प्रारंभिक संपत्ति साढ़े तीन करोड़ आंकी गई है।
 
सुबह 6 बजे डीएसपी दौलतसिंह के नेतृत्व में लोकायुक्त टीम अन्नपूर्णा नगर में बघेल के घर पहुंची तो वहां उनकी पत्नी गीता सिंह ने दरवाजा खोला। लोकायुक्त ने वारंट दिखाकर तलाशी शुरू कर दी। अरुण सिंह मॉर्निंग वॉक के लिए निकल रहे थे तो टीम ने उन्हें रोका और तलाशी शुरू कर दी। शुरुआत में पत्नी ने कुछ तेवर दिखाए और मीडियाकर्मियों से उलझती रही। अन्नपूर्णा नगर में कॉर्नर के 20 बाय 60 वर्गफीट के प्लॉट पर तीन मंजिला आलीशान मकान है। 
 
पहली और दूसरी मंजिल में परिवार रहता है जबकि प्रथम तल खाली है। कुछ समय पहले वहां किराएदार था। अफसरों को घर में एक 12 बोर की बंदूक भी मिली। एक लॉकर अन्नपूर्णा के आईपीसी बैंक में था। लॉकर में एक पिस्टल, कुछ कारतूस, 12 बोर बंदूक के कारतूस, संपत्तियों की रजिस्ट्री, 750-750 ग्राम की दो चांदी की सिल्ली, कुछ चांदी के सिक्के। अधिकांश सामान सुपुर्दगी नामे पर सौंप दिया गया। रीवा का लॉकर खोलने एक टीम को अरुणसिंह के साथ रवाना किया गया।
 
आपसी लड़ाई में शिकायत
चर्चा है कि रिश्तेदारों की संपत्ति व आपसी लड़ाई को लेकर अरुणसिंह के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत हुई। यह भी चर्चा थी कि जब उनकी नियुक्ति हुई तो परिवहन विभाग में एक नजदीकी रिश्तेदार उच्च पद पर थे और नियुक्ति में उनकी भूमिका रही है।
 
32 साल नौकरी, 60 लाख की आय
1984 में सीधी भर्ती से अरुणसिंह परिवहन विभाग में सिपाही बने थे। इंदौर, बालाघाट, सागर आरटीओ के साथ ही सेंधवा बैरियर पर भी रहे। अब तक वेतन व अन्य मदों से करीब 60 लाख की आय है जबकि संपत्ति काफी अधिक है। हालांकि संपत्ति की कीमत सामने नहीं आई है।
 
लाइफ स्टाइल देख दंग अफसर
अफसर बघेल की लाइफ स्टाइल देखकर दंग रह गए। मकान में एसी थे। बेडरूम आलीशान तरीके से सजाए गए थे। परिवार में  बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है। बेटा आशीष इस समय सतना गया है। बी कॉम तक पढ़ा बेटा निजी कंपनी में नौकरी कर रहा है।
 
ज्वॉइनिंग के 3 दिन आया था जबलपुर
क्षेत्रीय परिवहन विभाग में तैनात सम्भागीय फ्लाइंग स्क्वॉड टीम के प्रधान आरक्षक अरुण सिंह ने पूरी नौकरी मनमर्जी से की। सेवानिवृत्ति को महज कुछ ही माह बचे हैं। इसके बावजूद उसने कभी भी जबलपुर में रहकर नौकरी नहीं की। 
 
एक अप्रैल को ज्वॉइनिंग लेने के बाद वह तीन बार ही जबलपुर आया। उसने न तो कभी किसी से छुट्टी ली और न मौखिक अनुमति ली। 3 माह तक गैर हाजिरी पर आरटीओ ने इसके बारे में परिवहन आयुक्त को लिखित में सूचना दी थी।   इसके बाद वह एक दिन के लिए आया और चला गया। 
 
इस साल का चौथा करोड़पति कर्मी
  25 जनवरी : बड़वाह जपं के सस्पेंड बाबू सुरेंद्र वर्मा के पर छापा। 2 करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा।
  8 फरवरी : इंदौर में निवासी खंडवा के कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी अश्विनी नायक पर छापा। 50 करोड़ संपत्ति। 
  24 फरवरी : इंदौर निवासी खरगोन में पदस्थ आबकारी सिपाही रामचंद्र जायसवाल पर छापा। 5 करोड़ की संपत्ति का खुलासा।
 24 फरवरी : अरुण सिंह साल का चौथा करोड़पति कर्मचारी है। 

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