बाड़मेर की आईएएस अधिकारी तिना दाबी को राष्ट्रपति ने जल संचय के लिए दिया राष्ट्रीय पुरस्कार नव॰ 23, 2025

जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बाड़मेर की जिला अधिकारी तिना दाबी को प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार प्रदान किया, तो यह सिर्फ एक पुरस्कार नहीं था—यह एक रेगिस्तान के जीवन को बदल देने वाली कहानी का शिखर था। बाड़मेर, जहां पिछले दशकों में बारिश के बाद पानी जमीन में सूख जाता था, अब भारत का जल संरक्षण का नमूना बन चुका है। इसका श्रेय सिर्फ एक आईएएस अधिकारी को नहीं, बल्कि 87,000 से अधिक गांवों के लोगों को है, जिन्होंने अपने घरों के पास टंका बनाए और पानी को बचाने का नया तरीका सीखा।

एक रेगिस्तान का जल जादू

बाड़मेर का मौसम ऐसा है कि बारिश के बाद भी पानी नहीं बचता। रेतीली मिट्टी, कम वर्षा और उच्च वाष्पीकरण के कारण पानी जमीन में घुल जाता था। लेकिन 2021 के बाद से, तिना दाबी ने तिना दाबी ने एक साधारण परंपरागत तकनीक—टंका—को फिर से जीवित कर दिया। ये छोटे-छोटे भूमिगत जल भंडार, जो पुराने समय में राजस्थान के गांवों में बनाए जाते थे, अब आधुनिक प्रशासन और सामुदायिक भागीदारी के साथ जुड़ गए हैं। परिणाम? 87,000+ टंका बन गए, जिनमें बारिश का पानी जमा होता है और गांवों में 3-4 महीने तक पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध होता है। अब लोगों को दूर के गड्ढों में पानी लेने के लिए नहीं जाना पड़ता।

जन भागीदारी: असली ताकत

तिना दाबी की सफलता का रहस्य सिर्फ योजना नहीं, बल्कि लोगों का विश्वास था। उन्होंने किसानों, महिलाओं और स्थानीय पंचायतों को प्रशिक्षित किया, उन्हें टंका बनाने की प्रक्रिया समझाई, और उन्हें अपने गांव का पानी अपनी जिम्मेदारी बनाया। जब आप किसी को उसके घर का पानी बचाने का मौका देते हैं, तो वह उसे बचाने के लिए अपनी जान लगा देता है। इसीलिए, प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार का नाम ‘जन भागीदारी’ है—क्योंकि बिना लोगों के, यह सफलता असंभव थी।

एक बहन, दो जिले, एक जीत

इस अवॉर्ड समारोह में एक अनोखा पल भी था—तिना दाबी की छोटी बहन, रिया दाबी, जो उदयपुर जिला परिषद की सीईओ हैं, उन्हें भी सम्मानित किया गया। उदयपुर जिले ने 32,700 जल संरक्षण कार्य किए, और जिला अधिकारी नमित मेहता ने रिया को पुरस्कार स्वीकार करने के लिए नामित किया। उदयपुर को ₹1 करोड़ का पुरस्कार मिला। यह दुर्लभ घटना है—एक परिवार की दोनों बहनें, दो अलग-अलग जिलों में, दो अलग-अलग जल संरक्षण अभियानों में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होना। यह न सिर्फ व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि प्रशासन में महिला नेतृत्व की शक्ति का प्रमाण है।

पुरस्कार का मतलब: सिर्फ पैसा नहीं, अवसर

बाड़मेर को ₹2 करोड़ का इनाम मिला है। लेकिन यह पैसा सिर्फ खर्च करने के लिए नहीं, बल्कि बढ़ाने के लिए है। इसका उपयोग टंका के निर्माण को और विस्तार देने, नए जल भंडार बनाने, और गांवों में जल जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। यह निवेश बाड़मेर के लिए सिर्फ एक वर्ष का नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए एक निवेश है। जब एक रेगिस्तान में बच्चे पानी के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए जागते हैं, तो वहां का भविष्य बदल जाता है।

क्यों यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है?

क्यों यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है?

राजस्थान नहीं, पूरा भारत जल संकट की ओर बढ़ रहा है। नीति आयोग के अनुसार, 21 महानगरों में से 21 नगरों का पानी 2030 तक समाप्त हो जाएगा। बाड़मेर का मॉडल दिखाता है कि जब लोगों को साथ लेकर काम किया जाए, तो यह संकट भी बदल सकता है। यहां कोई बड़ी तकनीक नहीं, कोई महंगा उपकरण नहीं—बस एक अच्छी योजना, एक लगन भरी अधिकारी, और एक जागृत समुदाय।

तिना दाबी: युवा आईएएस की अनोखी यात्रा

तिना दाबी ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था—भारत की सबसे युवा आईएएस अधिकारियों में से एक। लेकिन उनकी यात्रा सिर्फ एक रैंक तक नहीं रुकी। उन्हें राष्ट्रपति स्वर्ण पदक और राष्ट्रीय मतदाता दिवस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। लेकिन उनका सबसे बड़ा उपलब्धि बाड़मेर के गांवों में बच्चों की आंखों में चमक है—जब वे पानी के लिए नहीं, बल्कि अपने सपनों के लिए जागते हैं।

अगला कदम: रेगिस्तानों के लिए नया मॉडल

अब भारत सरकार बाड़मेर के मॉडल को गुजरात, गोवा, और छत्तीसगढ़ के शुष्क क्षेत्रों में अपनाने की योजना बना रही है। जल शक्ति मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाया है। अगले वर्ष तक, 15 और जिलों में टंका निर्माण शुरू होने वाला है। यह सिर्फ एक जिले की जीत नहीं, बल्कि एक नए जल अभियान की शुरुआत है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

तिना दाबी ने टंका कैसे फिर से जीवित किया?

तिना दाबी ने पुराने टंका के डिजाइन को नहीं बदला, बल्कि उन्हें गांवों के साथ साझा किया। उन्होंने स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित किया, उन्हें टंका बनाने के लिए सामग्री और तकनीक उपलब्ध कराई, और प्रत्येक टंके के लिए स्थानीय पंचायत को जिम्मेदार बनाया। इससे टंका सिर्फ एक निर्माण नहीं, बल्कि सामुदायिक संपत्ति बन गए।

बाड़मेर में यह अभियान कैसे शुरू हुआ?

2021 में, जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत एक छोटी पायलट योजना शुरू की। पहले 500 टंके बनाए गए, जिन्होंने एक गांव के लिए 4 महीने तक पानी दिया। जब लोगों ने देखा कि पानी आ रहा है, तो उन्होंने खुद बढ़ावा दिया। अगले वर्ष यह संख्या 87,000 तक पहुंच गई।

इस पुरस्कार से अन्य जिलों को क्या फायदा होगा?

जल शक्ति मंत्रालय ने बाड़मेर के मॉडल को राष्ट्रीय नमूना घोषित कर दिया है। अब 15 और शुष्क जिलों में इसी तरह के टंका निर्माण के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह एक ऐसा मॉडल है जो बिना बड़े निवेश के बड़ा प्रभाव देता है।

रिया दाबी के साथ तिना दाबी का संबंध क्या है?

रिया दाबी तिना दाबी की छोटी बहन हैं, और दोनों आईएएस अधिकारी हैं। रिया उदयपुर जिला परिषद की सीईओ हैं, जहां उन्होंने 32,700 जल संरक्षण कार्य करवाए। दोनों बहनें अलग-अलग जिलों में अलग-अलग तरीकों से जल संरक्षण के लिए काम कर रही हैं, और दोनों को एक ही दिन सम्मानित किया गया।

विवेक शर्मा

विवेक शर्मा

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूं जो भारत की दैनिक खबरों पर लेखन करता हूं। मेरा अभ्यास है जानकारीपूर्ण और विचारशील लेख प्रस्तुत करना। समाचारों के विभिन्न पहलुओं की गहन अध्ययन में मेरी रूचि है। मैं अपने पाठकों के लिए विश्वसनीय और सूचित सामग्री प्रदान करना पसंद करता हूं। मेरा उद्देश्य है समाज को महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराना।

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