- indoreexpress.com 01-Jan-1970 05:30 am
इंदौर। एमवायएच के डॉक्टरों ने आठ घंटे सर्जरी के बाद 13 साल की किशोरी के दाएं पैर की हड्डी से उसका नया जबडा बना डाला। किशोरी फाइब्रोमेक्सोमा नामक गंभीर बीमारी से पीडित थी। बीमारी की वजह से उसका जबडा गल गया था। डॉक्टरों का दावा है कि मध्य भारत में पहली बार इस तरह की सर्जरी हुई है। यह बीमारी करोडों में किसी को होती है। रतलाम जिले के ग्राम घावडी की रहने वाली 13 साल की किशोरी लाडली आठ महीने से जबडे की फाइब्रोमेक्सोमा बीमारी से पीडित थी। बीमारी की वजह से जबडे में ट्यूमर हुआ और जबडा तेजी से गलने लगा। रतलाम के डॉक्टरों ने किशोरी की प्रारंभिक जांच के बाद उसे सर्जरी के लिए एमवाय अस्पताल भेजा। यहां जांचों के बाद डॉ. सोनिया मोजेस, डॉ. सचिन वर्मा की टीम ने 29 जुलाई को उसकी सर्जरी की। डॉक्टरों के मुताबिक सबसे पहले तो लाडली का संक्रमित जबडा निकाला गया। फिर उसके दाएं पैर की हड्डी और टिशु निकाला गया। उससे नया जबडा बनाकर लगाया गया। जबडे में रक्त प्रवाह बनाए रखने के लिए अतिसूक्ष्म नसों को भी प्रत्यारोपित किया गया। डॉ. मोजेस के मुताबिक सर्जरी के बाद किशोरी की हालत खतरे से बाहर है। वह तेजी से ठीक हो रही है। जल्द ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उसके जबडे में दांत भी लगाए जाएंगे।